Asha Kandara जो बन गई सफाई कर्मचारी से एक डिप्टी कलेक्टर, दो बच्चों की सिंगल मदर की संघर्ष भरी कहानी

आज हम एक ऐसी महिला की कहानी लेकर आए हैं जिसने अपनी हिम्मत और हौसले के दम बड़ा लक्ष्य हासिल किया है। इस महिला का नाम है आशा कंदारा। जोधपुर नगर निगम में बतौर सफाई कर्मचारी काम करने वाली आशा कंदारा सिंगल मदर हैं। उनकी मेहनत और लग्न का नतीजा है कि अब वे डिप्टी कलेक्टर बन गई हैं। आइये जानते हैं आशा कंदारा की सक्सेस स्टोरी

Success Story sanitation worker became Deputy Collector this is the story of 40 year old single mother Asha Kandara | Success Story: सफाई कर्मचारी बन गईं डिप्टी कलेक्टर, ऐसी है 40 साल

आशा कंदारा ने जब अपने लक्ष्य को पाने की जब ठानी तो उन्होंने न तो समाज की चिंता की और न ही परिवार की। यहां तक कि उन्होंने अपने और अपने लक्ष्य बीच उम्र के बंधन को भी नहीं आने दिया। आशा ने अपनी और अपने दोनों बच्चों की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए एक लक्ष्य साधा और उसे पूरा भी किया। उन्होंने राजस्थान प्रशासनिक सेवा परीक्षा पास करके समाज में एक नई मिसाल पेश की है।

आशा कंडारा: सफ़ाईकर्मी जो बन गई डिप्टी कलेक्टर - BBC News हिंदी

आशा कंदारा की कहानी शुरू होती है आज से 9 साल पहले, जब उनके पति उन्हें  उनके दो बच्चों को छोड़कर चले गए थे। इसके बाद आशा के सामने दो रास्ते थे। एक वह कि वे रोती बिलखती और जो हुआ उसे अपनी किस्मत मान लेती। वहीं दूसरा था कि वह अपने पैरों पर खड़ी हों और अपने बच्चों का भविष्य संवारे। आशा ने दूसरा रास्ता चुना इसके बाद सबसे पहले वे जोधपुर नगर निगम में सफाई कर्मचारी बनकर अपने पैरों पर खड़ी हुईं।

Jodhpur Sweeper Asha Kandara Is All Set To Become Deputy Collector | HerZindagi

इस दौरान वह अपनी आगे की पढ़ाई भी पूरी करती रहीं। अपने काम और पढ़ाई को पूरा करने में उन्होंने अपने माता-पिता की मदद ली।  ग्रेजुएशन करने के बाद आशा ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा परीक्षा में शामिल होने का फैसला लिया। उन्होंने दिन रात मेहनत की।उनकी मेहनत रंग लाई और वह राजस्थान प्रशासनिक सेवा परीक्षा में सफल होकर डिप्टी कलेक्टर बन गईं। हालांकि,दो बच्चों के साथ इस मंजिल पर पहुंचना उनके लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था लेकिन उन्होंने इसे कर दिखाया।

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