आज देश की बेटियां पुलिस से लेकर सेना तक हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रही हैं। ऐसी ही देश की एक बेटी है जिसका नाम सुनते ही आपराधियों के साथ आतंकी भी कांपने लगते हैं। जिनका नाम आईपीएस संजुक्ता पराशर है। संजुक्ता असम की आयरन लेडी और लेडी सिंघम के नाम से भी जानी जाती है।
संजुक्ता पराशर ने दिल्ली के इंद्रप्रस्थ कॉलेज से राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएट कीअसम से स्कूलिंग करने के बाद संजुक्ता दिल्ली आ गईं। संजुक्ता पराशर ने दिल्ली के इंद्रप्रस्थ कॉलेज से राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएट की। जिसके बाद संजुक्ता पराशर JNU से इंटरनेशनल रिलेशन में पीजी और यूएस फॉरेन पॉलिसी में MPhil और Phd की।
उनकी तैयारी साल 2006 में रंग लाई और उन्होंने यूपीएससी क्लियर कर लियाजेएनयू से पीएचडी करने के साथ ही वह यूपीएससी की तैयरी भी कर रही थीं। उनकी तैयारी साल 2006 में रंग लाई और उन्होंने यूपीएससी क्लियर कर लिया।यूपीएससी में उनकी 85वीं रैंक आई थी। जिसके बाद संजुक्ता ने आईपीएस बनना चुना। वह असम-मेघालय कैडर के लिए चुनी गईं।
संजुक्ता को साल 2008 में असम के माकुम जिले में असिस्टेंट कमाडेंट के तौर पर पहली फील्ड पोस्टिंग मिलीसंजुक्ता को साल 2008 में असम के माकुम जिले में असिस्टेंट कमाडेंट के तौर पर पहली फील्ड पोस्टिंग मिली। जिसके कुछ समय बाद उन्हें उदालगिरी में हुई बोडो और बांग्लादेशियों के बीच की जातीय हिंसा को काबू करने की जिम्मेदारी सौंपी गई।
संजुक्ता ने केवल 15 महीने में ही इन्होंने 16 आतंकियों को मार गिरायातब संजुक्ता ने केवल 15 महीने में ही इन्होंने 16 आतंकियों को मार गिराया और 64 से ज्यादा आतंकियों को सलाखों के पीछे भेजा दिया। संजुक्ता हाथों में एके 47 के साथ खुद बी जंगलों में कॉम्बिंग करती हैं।संजुक्ता हाथों में एके 47 के साथ खुद ही जंगलों में कॉम्बिंग करती हैं
संजुक्ता पराशर ने IAS पुरु गुप्ता से शादी की है। उनका एक बेटा भी है। संजुक्ता ने एक इंटरव्यू में कही थी कि ड्यूटी की मजबूरियों के चलते वह 2 महीने में एक-आध बार ही परिवार से मिल पाती हैं।