एक मजदूर मां की बेटी बनी आईपीएस अफसर, जानिए आईपीएस दिव्या तंवर के संघर्ष की कहानी

हर साल लाखों उम्मीदवार यूपीएससी परीक्षा देते हैं। इनमें से कुछ ही सफल होकर मेरिट लिस्ट में जगह बना पाते है।उनमें से भी कुछ ऐसे होते हैं जो अपनी जिंदगी में तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए इस मंजिल तक पहुंचते हैं।वर्ष 2021 बैच की आईपीएस दिव्या तंवर ने की गिनती ऐसे ही अफसरों में की जाती है।

Divya Tanwar : बिन बाप की वो IPS बेटी जो 2022 में सबसे ज्‍यादा सर्च की गईं,  मां ने मजदूरी करके पढ़ाया | India's youngest woman IPS Divya Tanwar Top in  Google

हरियाणा के महेंद्रगढ़ की रहने वाली दिव्या तंवर यूपीएससी परीक्षा के हर उम्मीदवार के लिए प्रेरणा हैं।उनकी मां बेशक कम पढ़ी-लिखी थीं लेकिन उन्होंने अपनी बेटी को पढ़ाई करके आगे बढ़ते रहने के लिए हमेशा प्रेरित किया।

मजदूर की बेटी Divya Tanwar गरीबी को मात देकर पहले ही अटेंप्ट में बनी आईपीएस  अधिकारी - divya-tanwar-becomes-the-youngest-ips-officer-in-haryana - Nari  Punjab Kesari

दिव्या ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने के लिए किसी कोचिंग का सहारा नहीं लिया था।आईपीएस दिव्या तंवर ने नवोदय विद्यालय महेंद्रगढ़ से स्कूली शिक्षा हासिल की है।उनके घर की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी। स्कूलिंग के दौरान पिता की मौत होने से उनके परिवार पर परेशानियों का पहाड़ टूट पड़ा था।

Divya Tanwar Rajput Biography in Hindi || UPSC 2022 (IPS)

दिव्या पढ़ाई में होशियार थीं और इसीलिए उनकी मां बबीता तंवर ने कभी उनकी पढ़ाई में रुकावट नहीं आने दी।दिव्या की मां ने सिलाई-कढ़ाई और मजदूरी करके अपने तीनों बच्चों, दिव्या, तनीषा और साहिल को उनके पैरों पर खड़े होने लायक बनाया।दिव्या ने बीएससी पास करने के बाद यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी।

अपने घर के एक छोटे से कमरे में 10 घंटे पढ़ाई करके उन्हें सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की थी।आईपीएस दिव्या तंवर ने 21 साल की उम्र में 2021 में अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली थी।इसमें 438वीं रैंक हासिल कर वह आईपीएस ऑफिसर बन गईं।दिव्या के कई दोस्तों व रिश्तेदारों को भी यह जानकारी नहीं थी कि वे बंद कमरे में यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रही थीं।

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