अपनी शादी से पहले दो बार एग्जाम पास करने की कोशिश की, लेकिन दोनों बार असफल रहीं. अपने पति को छोड़कर घर लौटने के बाद, उनके माता-पिता उसके सपोर्ट के स्तंभ बन गए. यह उनके पिता थे जिन्होंने उन्हें बताया कि वह जो चाहे करने के लिए स्वतंत्र है.
यूपीएससी परीक्षा बहुत कठिन होती है और इसे क्लियर करना किसी के लिए भी आसान नहीं है. हालांकि, कई चुनौतियों के बावजूद, पिलखुवा, हापुड़ की शिवांगी गोयल ने परीक्षा में सफलता पाई और 177वीं रैंक हासिल की. तो चलिए इसके लिए उन्हें क्या क्या चैलेंज लेने पड़े थे.
हापुड़ की रहने वाली और 7 साल की बच्ची की मां शिवांगी गोयल ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षाओं में ऑल इंडिया रैंक 177 हासिल की थी, लेकिन यह उसके लिए आसान राह नहीं थी. उनके सामने कई समस्याएं आई थीं.
रिपोर्ट के मुताबिक शिवांगी को अपने ससुराल वालों द्वारा घरेलू हिंसा और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा. इसके चलते उन्हें अपने बच्चे को लेकर मायके लौटना पड़ा. शिवांगी जब ससुराल पहुंची तो वहां उन्हें काफी मुश्किल परिस्थियों का सामना करना पड़ा जिससे वो डिप्रेशन में भी चली गयी. घर के ख़राब मौहौल से उनकी और उनकी बेटी की तबियत भी खराब रहने लगी. शिवांगी का उनके पति के साथ तलाक का केस भी चल रहा है.
हालांकि, इस घटना ने उन्हें निराश नहीं किया. अपने माता-पिता के साथ वापस जाने के बाद, उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने के अपने सपने को आगे बढ़ाने का फैसला किया. शिवांगी के मुताबिक यूपीएससी परीक्षा पास करना उनका बचपन का सपना था और जब वह स्कूल में थीं तो उसके प्रिंसिपल ने उन्हें इसकी तैयारी करने के लिए कहा था. उन्होंने अपनी पढ़ाई पर बहुत मेहनत और ध्यान दिया और उन्हें इसका फल मिला.
उन्होंने अपनी शादी से पहले दो बार एग्जाम पास करने की कोशिश की, लेकिन दोनों बार असफल रहीं. अपने पति को छोड़कर घर लौटने के बाद, उनके माता-पिता उसके सपोर्ट के स्तंभ बन गए. यह उनके पिता थे जिन्होंने उन्हें बताया कि वह जो चाहे करने के लिए स्वतंत्र है. यूपीएससी की तैयारी करने के लिए उन्होंने कोचिंग की जगह सेल्फ स्टडी करने का फैसला किया. तभी उन्होंने दोबारा यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला किया. अच्छे नंबरों से परीक्षा पास करने के बाद, उन्होंने अपनी सफलता का क्रेडिट अपने माता-पिता और 7 वर्षीय बेटी रैना को दिया.
“मैं उन विवाहित महिलाओं को समाज में एक संदेश देना चाहता हूं कि अगर उनके ससुराल में उनके साथ कुछ भी गलत होता है, तो उन्हें डरना नहीं चाहिए. उन्हें दिखाएं कि आप अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं. महिलाएं कुछ भी कर सकती हैं.” यदि आप अच्छी तरह से पढ़ते हैं और कड़ी मेहनत करते हैं, तो आप आईएएस बन सकते हैं”.
इस तरह की स्टोरीज हमें बहुत उम्मीद और खुशी देती हैं. शिवांगी दुनिया भर में कई महिलाओं के लिए खुद के लिए खड़ी होकर और अपने रास्ते में कुछ भी नहीं आने देने के लिए एक उत्कृष्ट उदाहरण पेश कर रही हैं.