रिक्शा चलाते थे पिता, बेटा बना IAS, इनके सक्सेस स्टोरी पर बन रही है मूवी

उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर के एक रिक्शा चालक ने अपनी जिंदगी में संघर्ष करके अपने बेटे को पढ़ाया। आखिरकार बेटे ने आईएएस ऑफिसर बनकर अपने पूरे परिवार का नाम रोशन कर दिया। चलिए जानते है, आईएएस गोविंद जायसवाल की सक्सेस स्टोरी।

आईएएस गोविंद जायसवाल उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैंआईएएस गोविंद जायसवाल उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। फिलहाल वह स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में निदेशक के पद पर तैनात हैं। उन्होंने बचपन से ही काफी संघर्ष किया है। उनके इस कठिन सफर में उनके पिता और बहनों ने उनका काफी साथ दिया है।

Success story of ias govind jaiswal rickshaw puller son ias film series - Success Story: पिता चलाते थे रिक्शा, बेटा बना IAS, अब थिएटर में दिखेगी फिल्मी स्टोरी – News18 हिंदी

गोविंद जायसवाल के पिता एक रिक्शा कंपनी के मालिक थेगोविंद जायसवाल के पिता एक रिक्शा कंपनी के मालिक थे और उनके पास 35 रिक्शा थे। गोविंद की माँ ब्रेन हैमरेज का शिकार हो गई थीं। पत्नी के इलाज में उनके ज्यादातर रिक्शा बिक गए और वह गरीब हो गए।

जब गोविंद 7वीं कक्षा में थे, तभी उनकी माँ की मौत हो गई थी। तब तक उनके पिता, गोविंद और अपनी बेटियों के साथ काशी के अलईपुरा में 10/12 की एक कोठरी में शिफ्ट हो गए थे।

Rikshawpullar's Son Cracks IAS In First Attempt, Now Heads Sports Authority Of Goa

गोविंद जायसवाल ने अपनी शुरुआती पढ़ाई उस्मानपुरा के सरकारी स्कूल से की थीकई बार गोविंद और उनके परिजन सिर्फ सूखी रोटी खाकर अपना गुजारा करते थे। इसके बावजूद गोविंद के पिता ने अपने चारों बच्चों की पढ़ाई में कोई कमी नहीं रखी। उन्होंने अपनी तीनों ग्रेजुएट बेटियों की शादी के लिए अपने बचे हुए रिक्शे को भी बेच दिए थे।

गोविंद जायसवाल ने अपनी शुरुआती पढ़ाई उस्मानपुरा के सरकारी स्कूल से की थी। उसके बाद उन्होंने वाराणसी में ही स्थित हरिश्चंद्र यूनिवर्सिटी से मैथ में ग्रेजुएशन किया था।उनको पॉकेट मनी भेजने के लिए उनके पिता सेप्टिक और पैर में घाव होने के बावजूद रिक्शा चलाते थे

Success story of ias govind jaiswal rickshaw puller son ias film series - Success Story: पिता चलाते थे रिक्शा, बेटा बना IAS, अब थिएटर में दिखेगी फिल्मी स्टोरी – News18 हिंदी

2006 में गोविंद UPSC परीक्षा की तैयारी करने के लिए दिल्ली आ गए थे। उनको पॉकेट मनी भेजने के लिए उनके पिता सेप्टिक और पैर में घाव होने के बावजूद रिक्शा चलाते थे। वह कई बार खाना नहीं खाते थे और न ही उन्होंने अपने घाव का इलाज करवाते थे।

गोविंद ने भी दिल्ली जाकर कोचिंग जॉइन नहीं की। वह वहां बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते थे। रुपये बचाने के लिए उन्होंने एक टाइम का टिफिन और चाय बंद कर दी थी। 2007 में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा के अपने पहले ही प्रयास में 48वीं रैंक हासिल की थी।

आईपीएस गोविंद जायसवाल की पत्नी चंदना चौधरी एक आईपीएस ऑफिसर हैंआईपीएस गोविंद जायसवाल की पत्नी चंदना चौधरी एक आईपीएस ऑफिसर हैं। इन दोनों की अरेंज्ड मैरिज हुई थी। चंदना को गोविंद के पिता ने उनके लिए पसंद किया था।

वहीं, चंदना के घर से उनकी नानी गोविंद से मिलने आई थीं।गोविंद की लाइफ स्टोरी पर बॉलीवुड फिल्म बन रही है। इसका नाम ‘दिल्ली अब दूर नहीं’ रखा गया है। यह फिल्म थिएटर में 12 मई 2023 को रिलीज होगी।

Leave a Comment