अगर व्यक्ति कोशिश करे तो उसके लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं है यह बात बिल्कुल सही है कि मेहनत से व्यक्ति कुछ भी हासिल कर सकता है।अगर व्यक्ति अपने मन में ठान ले तो वह अपना मुकाम एक ना एक दिन अवश्य पाकर रहता है।
यूपीएससी की तरफ से हर वर्ष आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा देश की चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में से एक मानी जाती है।देश के हर नौजवान युवा का यही सपना होता है कि वह आईएएस बने बचपन से ही ज्यादातर लोग आईएएस बनने का सपना अपने मन में लिए इसकी तैयारी करते हैं।
आज हम आपको एक ऐसे गरीब मजदूर की बेटी के बारे में जानकारी देने वाले हैं जिसने अपने हौसले और मेहनत के दम पर अपना आईएएस बनने का सपना पूरा किया है।इनके पिता एक गरीब मजदूर है और इनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है लेकिन गरीबी भी इनके हौसले को तोड़ नहीं पाई और उन्होंने अपनी कोशिश लगातार जारी रखी।
इनका नाम श्रीधन्या सुरेश है केरला की राजधानी तिरुवंतपुरम से 442 किलोमीटर की दूरी पर एक गांव पोजूथाना है,जो कि वायनाड जिले में आता है।श्रीधन्या साल 2018 तक एक दिहाड़ी मजदूर की बेटी थी लेकिन अब यह IAS Officer भी है। IAS सुरेश श्रीधन्या सुरेश की कहानी हर किसी के लिए प्रेरणादायक साबित होगी।
श्रीधन्या के पिता मनरेगा में दिहाड़ी मजदूर है और यह बाजार में धनुष और तीर बेचने का कार्य करते हैं।इनकी आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब है इनके पिता बेशक से पढ़ाई नहीं कर पाए लेकिन उन्होंने अपनी बेटी को पढ़ने लिखने का पूरा अवसर दिया है।
श्रीधान्या सुरेश को कामयाबी पाने के लिए बहुत सी मुसीबतों का सामना करना पड़ा था और इनको कई बार असफल भी होना पड़ा था।लेकिन अपनी मेहनत और मजबूत हौसले के साथ तीसरे प्रयास में साल 2018 में सिविल सेवा परीक्षा पास की और इन्होंने 410 रैंक हासिल किया था।
जब इनका नाम साक्षात्कार की सूची में आया था तब इनके सामने यह समस्या उत्पन्न होने लगी कि इनको साक्षात्कार के लिए दिल्ली आने के पैसे तक भी नहीं थे।ऐसी स्थिति में इनके दोस्तों ने इनका पूरा सहयोग दिया और उनके दोस्तों ने श्रीधान्या को दिल्ली भेजने के लिए चंदा इकट्ठा किया था तब जाकर यह परीक्षा के लिए दिल्ली आई।