अंतरिक्ष में अभी भी कई ऐसे रहस्य हैं जिनका सुलझाया जाना बाकी है और ऐसी बहुत सी चीजें हैं जिनका पता नहीं चल सका है. गुरुवार की रात को आसमान में ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला जब एक हरे रंग का धूमकेतु (C/2022 E3 (ZTF) गुजरा. हैरानी की बात यह है कि इस धूमकेतू उम्र 50 हजार साल से भी ज्यादा है क्योंकि आखिरी बार यह पृथ्वी के पास इतने साल पहले ही गुजरा था. जब आखिरी बार यह धूमकेतु हमारी धरती के पास से गुजरा था तब पृथ्वी पर हिमयुग (Ice Age) था.
50 हजार साल पहले पृथ्वी के पास से गुजरा था ये ग्रीन कॉमेट
आखिरी बार जब यह पृथ्वी के पास से गुजरा था तब इंसानों के पहले पूर्वज निएंडरथल घूमते थे और जब इसने गुरुवार को दूसरा चक्कर लगाया तो एक आधुनिक समाज के मानवों ने इसे देखा. यह धूमकेतू अब 50 हजार साल फिर से पृथ्वी के पास से गुजरेगा, तब शायद इंसान धरती पर रहेंगे ही नहीं या फिर पृथ्वी पर जीवन ही न बचे. मजेदार बात यह है कि इस अद्भुत नजारे को देखने के लिये किसी दूरबीन या टेलिस्कोप की जरुरत नहीं पड़ी.
इस धूमकेतू की खोज पिछले साल मार्च 2022 में कैलिफोर्निया की ज्विकी ट्रांसजिएंट फैसिलिटी में हुई थी, जिसके बाद से वैज्ञानिक लगातार इसकी ट्रैकिंग कर रहे थे. वैज्ञानिकों ने बताया की यह धूमकेतु पृथ्वी से करीब 4.20 करोड़ किलोमीटर दूर से गुजरा है. आमतौर पर कॉमेट के आने-जाने और चमकने को लेकर कोई समय सीमा नहीं होती है और ये अपनी दिशा भी बदल लेते हैं लेकिन इस धूमकेतु ने अपनी रफ्तार (2.07 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा) नहीं बदली है और यही वजह है कि इसे हर 50 हजार साल बाद देखा जा सकता है.
आखिर क्यों हरा है ये धूमकेतु
गौरतलब है कि जब धूमकेतु सूरज के पास से गुजरता है तो उसकी ऊर्जा जलकर खत्म होने लगती है और उसपर जमी बर्म गैस में तब्दील हो जाती है. यही वजह है कि धूमकेतु की एक पूछ नजर आती है. इस धूमकेतु में डाइएटॉमिक कॉर्बन है (दो कॉर्बन अणुओं से बनी गैस) जो कि अल्ट्रावायलट रेडिएशन छोड़ रहा है और यही वजह है कि इसका रंग हरा दिख रहा है. आसमान में यह दुर्लभ नजारा सुबह होने से ठीक पहले नजर आया जो कि उत्तरी गोलार्ध से उत्तर पश्चिम की तरफ जाता नजर आया.