होली जो एक ऐसा त्योहार है जिसका सभी को साल भर इंतजार रहता है ख़ास कर जयपुर में होली का त्योहार प्यार और एकता का प्रतीक माना जाता है यह वर्ष का वह समय है जहां भारत में हर सड़क रंगों के साथ इंद्रधनुष की तरह दिखती है होली का त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न रुपों में मनाया जाता है ऐसे ही जयपुर में इसे बिलकुल अलग अंदाज़ में मनाया जाता है।
अगर आपको एक अलग अनुभव करना है तो जयपुर में होली अपने आप में एक अनूठा अनुभव है यहां होली को हाथी उत्सव के रुप में मनाया जाता है। जयपुर में हाथियों को सुंदर वस्त्र और रंगों से सजाया जाता है समारोह में हाथी प्रतियोगिता और टग-ऑफ-युद्ध शामिल हैं। जयपुर में होली का त्यौहार आपको राजशाही और महाराजाओं की भूमि की भव्यता और सुन्दरता से रुबरु कराता है।
बता दे की जयपुर में होली के मौके पर जयपुर में हाथी पर बैठकर शाही होली खेली जाती है दुनिया भर से आए पर्यटक जयपुर में हाथी पर बैठकर रंग गुलाल उड़ाते हैं कहा जाता है की जयपुर में राजे-रजवाड़े एक जमाने में हाथी पर बैठकर होली खेलते थे तब से इस परंपरा को आज भी निभाया जा रहा है।
इतना ही नहीं जयपुर में होली खेलने और देखने विदेशी सैलानियों की खूब डिमांड रहती है होली के मौके पर लाखों सैलानी इस त्योहार का भरपूर लुत्फ उठाने यहां आते हैं जयपुर में तीन दिनों तक चलनेवाले उत्सव में रंग-गुलाल और फूलों के साथ होली खेली जाती है, जयपुर में ताज रामबाघ पैलेस होटल के पोलो ग्राउंड में हाथियों का जुलूस निकाला जाता है। इस मौके पर हाथियों को न सिर्फ सजाया-संवारा जाता है बल्कि उनके द्वारा डांस, ब्यूटी कॉम्पटीशन और रस्साकशी जैसे कॉम्पटीशन कराये जाते हैं।
राजस्थान की राजधानी जयपुर एक शानदार संस्कृति के साथ एक समृद्ध और शानदार विरासत का दावा करती है होली रंगों का त्योहार है और जयपुर होली के इस त्योहार में एक इंद्रधनुषी रंगों जैसा हो जाता है। होली सिर्फ रंगों के बारे में नहीं है, बल्कि रंगोत्सव से पहले शाम को जलाए जाने वाले होली अलाव के लिए भी प्रसिद्ध है जिसे होलिका दहन कहा जाता हैं।
जयपुर के सभी प्रमुख होटल के साथ-साथ शहर एक रंगीन स्वर्ग में बदल जाता है जिसमें मैजेंटा, नारंगी, लाल, हरे और यहां तक कि बैंगनी रंग के चमकीले रंग होते हैं। चमकीले ढंग से सजाए गए बाजार और दुकानों में एक से बढ़कर एक हैं और मीठे प्रलोभनों के साथ पकवान मिलते हैं। घेवर जो की जयपुर की पारंपरिक मिठाई है जो मुख्य रुप से इस दिन खायी जाती है इसके साथ ही जयपुर के बाजारों में गुजिया भी काफी चाव से खाने को मिलती है।
जयपुर में होली तीन दिनों तक मनाई जाती है जिसका पहला दिन हाथी महोत्सव का होता है जयपुर की होली अपने हाथी महोत्सव के लिए भी प्रसिद्ध है जो होली से एक दिन पहले आयोजित किया जाता है। यह शहर के बीचों-बीच चौगान स्टेडियम में आयोजित किया जाता है, लेकिन 2013 में पशु क्रूरता के विरोध के कारण इसे रद्द कर दिया गया था फिर भी परेड के बिना ये राजसी जानवर इस उत्सव की शोभा को बढ़ाते हैं क्योंकि वे रंगों और जटिल रूपांकनों से सजाए जाते हैं।