भारत के 16 साल के बच्चे ने शतरंज के किंग को हराया, एक बार फिर भारतियों का सर गर्व से ऊँचा हुआ

यदि आप शतरंज खेलते हैं या इस खेल में रूचि रखते हैं, तो आप शतरंज (Chess) के माहिर खिलाडी मैगनस कार्लसन (Magnus Carlsen) को ज़रूर जानते होंगे, जिन्हे हरा पाना अच्छे अच्छे खिलाडियों के बस में नहीं होता, जिनके साथ खेलने का और उन्हें हराने का सपना हर खिलाडी देखता है। आपको ये जानकर हैरानी होगी और उतनी ही ख़ुशी होगी की भारत के ही एक 16 साल के बालक ने इस विश्व चैंपियन खिलाडी को शतरंज में कड़ी टक्कर दे कर न केवल एक बार बल्कि 3 महीने के अंदर 2 बार हरा कर भारत को गौरवान्वित किया है।

इस बालक का नाम रमेशबाबू प्रगाननंदा (Rameshbabu Praggnanandhaa) है और आज हर भारतीय को बालक पर गर्व है। आज रमेशबाबू प्रगाननंदा दुनिया भर में प्रसिध्द हो चूका है। आप जानते हैं प्रगाननंदा इस से पहले भी शतरंज के कई बड़े मुकाबले में जीतते आये हैं। इस बालक का तेज़ दिमाग शतरंज के बड़े बड़े खिलाडी को भी प्रभावित कर देता है और वे भी इसके आगे फीके पड़ जाते हैं।

Sachin Tendulkar Praises Indian Grandmaster R Praggnanandhaa On Beating  World No. 1 Magnus Carlsen | 16 साल के भारतीय शतरंज खिलाड़ी ने वर्ल्ड  नंबर-1 को हराया, सचिन तेंदुलकर ने तारीफ में ...

प्रगाननंदा (Praggnanandhaa) का जन्म 10 अगस्त 2005 को चेन्नई (Chennai) में हुआ। प्रगाननंदा की माता का नाम नागलक्ष्मी और पिता का नाम रमेश बाबू है, प्रगाननंदा की एक बड़ी बहन है, जिसका नाम वैशाली है। प्रगाननंदा बचपन में अपनी बहन वैशाली को शतरंज खेलते देखते हैं और उन्हें ये खेल पसंद आ जाता है मात्र 3 वर्ष की आयु में बालक ने शतरंज के खेल को बहुत अच्छे से जान लिया, जबकि उनके पिताजी का कहना है, उन्होंने अपनी बड़ी पुत्री वैशाली को उसकी टीवी देखने की आदत को दूर के लिए शतरंज खेलना सिखाया। आज भी प्रगाननंदा के पिताजी याद करते हैं, उन्होंने वैशाली की टीवी देखने की आदत शतरंज के खेल के आगे कम हो गयी, इतना ही नहीं दोनों बच्चो को खेल इतना अच्छा लगा की वो इस खेल में करियर बनाने का फैसला ले लिया। प्रगाननंदा का खेल का सफर

R Praggnanandhaa Playing Chess Age Of 3 Years Defeated World No 1 Magnus  Carlsen | 3 साल की उम्र से शतरंज खेल रहे हैं वर्ल्ड चैंपियन कार्लसन को  हराने वाले प्रगाननंदा, जानिए

प्रगाननंदा ने अपने पुरे खेल के सफर में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की और विश्व के नंबर वन चैंपियन मैगनस कार्लसन को बड़ी शिकस्त दी आर. प्रागनानंदा का कहना है कि उन्होंने कार्लसन के साथ इस मुकाबले के लिए कड़ा परिश्रम किया था। आर. प्रागनानंदा ने कहा, मैंने खुद को तैयार करने के लिए पिछले 10 दिनों तक रात के 3 बजे तक जागकर लगातार अभ्यास किया है। यह मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण टूर्नामेंट था, मेरा सामना दुनिया के नंबर 1 शतरंज के दिग्गज मैग्नस कार्लसन के साथ होना था, तो उसे लेकर मैं बहुत उत्साहित था। उन्होंने आगे कहा की जब मैंने वर्ल्ड चैम्पियन मैग्नस कार्लसन के विरुद्ध मुकाबले में जीत हासिल की तो मैं बेहद उत्साहित था, यह मुझे बहुत बड़ा जुनून और आगे बढ़ने का हौसला देता है। मैगनस कार्लसन के खिलाफ जीत के बाद प्रागननंदा ने बताया की ‘निश्चित रूप से मेरी अब तक की सभी जीतो में से ये बहुत खास है। आर प्रागननंदा ने ऑनलाइन रैपिड शतरंज टूर्नामेंट एयरथिंग्स मास्टर्स के 8वें दौर में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्‍नस कार्लसन को जीतने नही दिया उनको पराजित कर दिया। प्रागननंदा ने काले मोहरों से खेलते हुए कार्लसन को 39 चाल में हार का सामना करवाया।

WATCH: R Praggnanandhaa becomes the third Indian to defeat Magnus Carlsen

उन्होंने इस तरह से कार्लसन के जीत के मंजर पर भी रोक लगाई, जिन्होंने इससे पहले लगातार 3 बाजियां जीती थी। इसके साथ ही अब इंडिया में प्रगाननंदा को चैस का फ्यूचर देखने लग गए हैं। इतना ही नहीं सन 2018 में प्रगाननंदा ने चैस में ग्रैंड मास्टर की उपाधि हासिल की और ऐसा करने वाला यह बालक इंडिया में छोटी उम्र का नंबर वन खिलाडी बन कर नाम रौशन कर रहा और दुनिया में दूसरे नंबर का।

पूरी दुनिया में छोटी उम्र के ग्रैंड मास्टर उपाधि की लिस्ट में प्रगाननंदा पांचवी रैंक पर हैं। इस बालक को कदम कदम पर रास्ता दिखने का काम और सहयोग भारत के मशहूर शतरंज के खिलाडी और ग्रैंड मास्टर विश्वनाथन आनंद ने किया। मैगनस कार्लसन कौन है कई साल पहले चैस का एक खेल मीडिया में काफी दिखाया गया और इसका वीडियो बहुत चर्चित हुआ ये खेल था दुनिया के नंबर वन कहे जाने वाले खिलाडी रूस के गैरी क्रास प्रोव और एक 13 साल के बच्चे के बीच। इस बच्चे ने गैरी की इतनी बड़ी टक्कर दी की वो हर चाल में गंभीर हो कर सोच रहे थे, जबकि वो बालक आराम से बैठा हुआ था और आगे जा कर ये गेम ड्रा हो गया इस बालक ने शतरंज में अपना कौशल दिखाया इस 13 साल के बच्चे का नाम है मैगनस कार्लसन।

India's R Praggnanandhaa does it again, defeats World Chess Champion Magnus  Carlsen | Other Sports

इसके बाद भी ये रुके नहीं, 22 साल की उम्र में इन्होने भारत के विश्व प्रसिद्द खिलाडी ग्रैंड मास्टर विश्वनाथन आनंद को हराकर तहलका मचा दिया था, लेकिन ऐसा कहते हैं न की इतिहास खुद को दोहराता है। आज 30 वर्षीया खिलाडी मैगनस कार्लसन को भारत के ही सोलह साल के बालक प्रगाननंदा ने हरा दिया।

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