3-3 सरकारी नौकरी छोड़ धनराज ने शुरू की खेती, पहली बार में ही कमाए 38 लाख रुपये

दोस्तों वर्तमान में सरकारी नौकरी की चाह युवाओं में इस कदर हावी है कि वे सब कुछ दांव पर लगाने को तैयार रहते हैं. बारां के एक युवा ने एक नहीं, तीन सरकारी नौकरियां छोड़कर उस क्षेत्र को अपनाया जिसको किसान घाटे का सौदा या मौसम का जुआ कहते हैं. लेकिन बारां के एक किसान ने बड़ा कमाल किया है. बारां जिले के छीपाबड़ौद क्षेत्र के युवा किसान धनराज लववंशी ने बताया कि इजरायल की पद्धति से मल्टीक्रॉप हार्वेस्टिंग फार्मूला अपनाकर राजस्थान में इस तरह की खेती करने वाले वे प्रदेश के पहले किसान हैं. यह खेती उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर शुरू की. इससे उन्हें बेहतर मुनाफा भी मिल रहा है.

छीपाबड़ौद कस्बे के सीमावर्ती आसलपुर में रहने वाले 29 वर्षीय धनराज लववंशी ने वर्ष 2019 में अकलेरा कोर्ट से क्लर्क की नौकरी छोड़ी. फिर तहसील में क्लर्क बन गए. भाग्य ने फिर साथ दिया और इसी साल थर्ड ग्रेड टीचर में भी उनका चयन हो गया. प्रकृति से लगाव और खेती के क्षेत्र में कुछ कर गुजरने की ललक में उन्होंने तीनों नौकरियां छोड़ दीं. इस पर उनके परिजनों ने विरोध किया और अपनों के ताने भी सुनने पड़े.

3-3 सरकारी नौकरी छोड़ धनराज ने शुरू की खेती, पहली बार में ही कमाए 38 लाख  रुपये - Rajasthan young farmer left 3 government jobs earns 38 lakh rupees  through multi crop farming lbsa - AajTak

परंपरागत खेती में कुछ नया करने की ललक उन्हें महत्मा फुले कृषि विद्यापीठ, रूहोरी, महाराष्ट्र ले गई. यही नहीं, उन्होंने अलग-अलग स्थानों से खेती की उत्तम पद्धति से जुड़ी बारीकियां सीखीं. इजरायल पद्धति पर खेती में मल्टीक्रॉप फार्मूले का अध्ययन किया. अलग-अलग जगहों पर जाकर फसलों की गुणवत्ता के बारे जानकारी जुटाकर वापस लौटकर घर आए. इसके बाद सारथल कस्बे में पट्टे पर खेत लेकर खेती शुरू की.

धनराज लववंशी ने पहली बार सोयाबीन की फसल पर हाथ अजमाया और सफल रहे. पहली बार उन्हें 42 लाख की पैदावार मिली. 45 बीघा में चार लाख का खर्चा हुआ और 38 लाख का मुनाफा निकला. लववंशी इस बार अलग-अलग सब्जियों की खेती कर रहे हैं. 40 बीघे में दस तरीके की ऑफ सीजन की वेजिटेबल लगाई है जिसमें मिर्ची, टमाटर, बैंगन, भिंडी, करेला, गिलकी, लोकी, तरबूज, खरबूजा और गेंदा फूल की फसलें हैं. इससे धनराज लववंशी को करीब एक करोड़ की आय का लक्ष्य है.

3-3 सरकारी नौकरी छोड़ धनराज ने शुरू की खेती, पहली बार में ही कमाए 38 लाख  रुपए

धनराज लववंशी ने मल्टीक्रॉप हार्वेस्टिंग टेक्नोलॉजी से की जा रही खेती में करीब 40 महिला-पुरुषों को रोजगार मुहैया कराया है. ये लोग प्रतिदिन खेत में उगी फसल की देखरेख करने से लेकर दवा के छिड़काव, बेकार के पौधों को अलग करने और नर्सेरी से तैयार पौधों को रोपने सहित अन्य काम करते हैं.खेती के लिए सबसे जरूरी पानी होता है जिसके लिए पूरे खेत में वॉटर डिपिंग पद्धति अपनाई है. इस तकनीक से जरूरत के अनुसार फसल को पानी मिल रहा है. युवा किसान लववंशी ने बताया कि इस पद्धति से चालीस बीघे में एक दिन में सिंचाई संभव हो जाती है और पानी बचाने में मदद मिलती है.

मूंगफली फसल उत्पादन तकनीक - AGRICULTUREPEDIA

किसान ने बताया कि चार साल पहले अकलेरा में डेयरी फार्म में किस्मत आजमाई और सफल रहे. आज इनके पास 23 उन्नत किस्म की उन्नत भैंसें और गायें हैं. इनका दूध बड़ी डेयरियों में सप्लाई करने के लिए चेन सिस्टम बनाया गया है. इससे हर महीने होने वाली आय का आधा हिस्सा खेती में लगाते हैं. उन्होंने आधुनिक टेक्नोलॉजी का भी उचित फायदा लिया है. लववंशी बताते हैं कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सीखने के लिए बहुत कुछ है. इसका सही उपयोग युवाओं के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.

छीपाबड़ौद कस्बे में पहली बार मल्टीकॉर्प हार्वेस्टिंग फॉर्मूले से की जा रही फसल को देखने के लिए बड़ी संख्या में काश्तकार आते हैं. इसमें युवा वर्ग के लोग अधिक होते हैं जो लववंशी से मिलकर जानकारी लेते हैं. धनराज बताते हैं कि मुख्य सड़क पर खेत होने से राहगीर रुककर खेत पर आते हैं और जानकारी लेते हैं.धनराज लववंशी की खेती आज पूरे क्षेत्र में चर्चा का केंद्र बनी हुई है. वेजिटेबल हार्वेस्टिंग को लेकर धनराज खुद की कंपनी खोलने लिए तैयारी कर रहे हैं. उनका कहना है कि कंपनी में लैब से लेकर वेजिटेबल पैकेजिंग की व्यवस्था रहेगी ताकि यहां की पैंकिंग की हुई सब्जियां प्रदेश ही नहीं, देश के अन्य स्थानों पर ऑनलाइन और मॉल में उपलब्ध हो सकें

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