सरकारी नौकरी की तैयारी छोड़ शुरू किया वर्मी-कम्पोस्ट, अब खाद बनाकर कमा रहीं 01 से डेढ़ लाख रुपए महीना

मेरठ में रहने वालीं पायल अग्रवाल बीटेक करने के बाद किसी सरकारी नौकरी के लिए कॉम्पिटिशन एग्जाम की तैयारी कर रहीं थीं।बैंक पीओ, क्लर्क की एग्जाम दे भी चुकी थीं लेकिन खास सफलता नहीं मिल पा रही थी।

2016 में बीटेक कम्पलीट करने के बाद अगले दो साल तक कॉम्पीटिटिव एग्जाम की तैयारी में लगी रहीं लेकिन एग्जाम क्रेक नहीं कर पाई।पायल पढ़ाई के दौरान ही यूट्यूब पर छोटे-मोटे बिजनेस के आइडिया ढूंढ़ती थीं। कुछ ऐसा जिसमें लागत कम आए और काम शुरू किया जा सके।

इंजीनियरिंग के बाद नौकरी नहीं मिली तो अब ऐसे हर महीने दो लाख रुपए कमा रही  27 साल की ये लड़की | After B.Tech Payal Agarwal earns one and a half million

यहीं से उन्हें वर्मी-कम्पोस्ट (केंचुआ खाद) बनाने का आइडिया आया। आज यह काम करते हुए दो साल से ज्यादा हो चुके हैं। महीने में एक से डेढ़ लाख रुपए का प्रॉफिट है।इंजीनियरिंग करने के बाद भी जब गवर्नमेंट जॉब नहीं मिल पाई तो यूट्यूब पर बिजनेस के बारे में सर्च करना शुरू किया।

2016 में गर्मी की छुट्टियों में मौसी के घर राजस्थान गईं थीं वहां केंचुए की यूनिट थी। वहां से एक किलो केंचुआ खरीदकर ले आईं और गोबर मिलाकर खाद बनाई।हालांकि तब तक भी पायल ने इसका बिजनेस करने का नहीं सोचा था वो तो अपने शौक से कर रही थीं और कॉम्पीटिटिव एग्जाम की तैयारी कर रही थीं।

लेकिन दो साल की पढ़ाई के बाद भी सफलता नहीं मिली तो फिर सोचा कि वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने की यूनिट ही डालेंगी।यह कम लागत में लग रही है और वर्मी कम्पोस्ट बनाना भी आसान है। बस यहीं से पायल के बिजनेस की शुरुआत होती है।जमीन की जरूरत थी लेकिन खुद के पास जमीन नहीं थी इसलिए मेरठ के पास दतावली गांव में जमीन देखी।

 कई राज्यों मे लगवा चुकी हैं वर्मी कम्पोस्ट की यूनिट, निशुल्‍क लोगों की कर रही मदद

जमीन उपजाऊ हो या बंजर फर्क नहीं पड़ता। यदि बंजर होती है तो किराया और कम लगता है इसलिए बंजर जमीन ही ले लेना चाहिए।पायल ने डेढ़ एकड़ जमीन किराये पर ली थी जिसका सालाना किराया 40 हजार रुपए था।जमीन कितनी लेना है ये आइडिया यूट्यूब पर वर्मी कम्पोस्ट वाले वीडियो देखकर आया था।

पायल ने प्लान बनाया था कि वो 30 बेड से शुरुआत करेंगी। जहां जमीन ली वहां पानी की व्यवस्था नहीं थी। इसलिए बोरिंग करवाई।इसमें 20 हजार रुपए का खर्चा आया। बिजली भी नहीं थी। तो घर पर पड़े पुराने जनरेटर को ठीक करवाया और यूनिट पर रखा।पायल ने काली पॉलीथिन के दो रोल बुलवाए। एक की कीमत ढाई हजार रुपए थी। इसमें बारह बेड बन जाते हैं।

Success Story: बीटेक के बाद पायल ने चुना खेती का रास्ता, कमा रहीं एक लाख  रुपये महीना - organic farming btech payal agarwal start vermi compost  business in uttar pradesh success story

दो रोल से चौबीस बेड बन गए और जो इनके जो टुकड़े बचे थे उससे दो बेड और बन गए। इस तरह कुल 26 बेड बने। यह जोड़े में बिछते हैं।अब इन बेड पर गोबर और केंचुआ डाला जाना था। एक बेड पर डेढ़ टन गोबर लगता है। गोबर हरे-पीले रंग का होना चाहिए जो महीनेभर से पुराना न हो।यदि गोबर एकदम काला है तो समझिए कि यह काफी पुराना हो चुका है। गोबर का गणित ये है कि एक फीट पर 50 किलो गोबर आना चाहिए।

इस हिसाब से 30 फीट के बेड पर 1500 किलो गोबर बिछाया जाता है।वहीं एक फीट पर एक किलो केंचुआ डाला जाता है। एक किलो केंचुओं को 50 किलो गोबर खाने में तीन महीने का वक्त लग जाता है।इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि केंचुआ एक ग्राम का है तो वह आधा ग्राम गोबर ही खा सकेगा।\

PunjabKesari

इस हिसाब से एक बेड पर 30 किलो केंचुआ डाला जाता है। मार्केट में केंचुआ की कीमत 300 रुपए किलो चल रही है।केंचुआ ऐसी ब्रीड का होना चाहिए जो हर मौसम में जिंदा रह सके और खाते रहे।गोबर और केंचुए डालने के बाद पायल ने इसके ऊपर पराली बिछा दी। पराली बिछाकर रोजाना इस पर दिन में एक बार पानी छिड़का जाता है।

जिससे नमी भी बरकरार रहे और हवा भी लगते रहे। पानी डालने से पराली वजनी हो जाती है, जिससे उड़ती भी नहीं।बेड की यह प्रॉसेस पूरी होने के बाद इसमें सिर्फ दिन में एक बार पानी देना होता है। नमी बनी है तो दो दिन में एक बार भी पानी दिया जा सकता है।पानी दोपहर 3 बजे के बाद देना अच्छा रहता है। बारिश का मौसम है और यदि पानी ज्यादा भी भरा गया है तो भी कोई दिक्कत नहीं।

Verme Compost Payal

बस बेड को चारों तरफ से ईंट या मिट्टी से अच्छे से कवर कर देना चाहिए जिससे केंचुए पानी में बहे न।केंचुए किसी भी हाल में गोबर के साथ ही रहना चाहिए। खाद लेयर में बनती है क्योंकि केंचुए ऊपर से नीचे जाते हैं।पहली लेयर 20 से 25 दिन में बन जाती है। फिर इसे हटाना पड़ता है। इसके 20 दिन बाद फिर दूसरी लेयर बनती है फिर इसे हटाना पड़ता है। इस तरह से तीन महीने में पूरी खाद तैयार हो जाती है।

Leave a Comment