राजस्थान के चिराग बने आईएएस, 04 साल सोशल मीडिया से दूर रहे तब मिली ये कामयाबी

राजस्थान उदयपुर के चिराग मेहता ने यूपीएससी(UPSC) क्लीयर किया है। उन्हें ऑल इंडिया 312वां रैंक मिला है।हर आईएएस एसपीरेंट की तरह चिराग ने भी काफी मेहनत की। यह उनका चौथा अटैम्पट था। 26 साल के चिराग की तैयारी बाकी एस्पीरेंट्स से मिलती-जुलती ही थी।

मगर एक खास थी। वो था सोशल मीडिया और टीवी से दूरी। चिराग ने 2018 से सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं किया।ना वॉट्सऐप, न फेसबुक और न ही कुछ। चिराग स्टडी के लिए इंटरनेट का सहारा लेते थे। मगर सोशल मीडिया से दूर-दूर तक वास्ता नहीं था।चिराग ने इन 04 साल में टीवी तक नहीं देखा। चिराग के पास फोन था मगर सोशल मीडिया से दूरी और अपने लक्ष्य की ओर फोकस्ड रहने के चलते चिराग के दोस्त-रिश्तेदारों को लगता था।

चिराग के पास फोन ही नहीं है। चिराग के पिता सरकारी स्कूल के टीचर हैं और मा गृहिणी। चिराग फिलहाल पीडब्ल्यूडी में असिस्टेंट इंजीनियर हैं।ब्यूरोक्रेट बनने वाले चिराग का ब्यूरोक्रेट्स के वीवीआईपी कल्चर को लेकर सोचना अलग है।दिल्ली में आईएएस दंपती के स्टेडियम से जुड़े विवाद को लेकर चिराग का कहना है कि ऐसे बेहद कम इंसीडेंट होते हैं।

लोगों में जागरुकता आ रही है ये कल्चर धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। ये व्यक्ति विशेष पर निर्भर करता है। मेरी नजर में वीआईपी कल्चर होना ही नहीं चाहिए।यूपीएससी के इंटरव्यू को लेकर चिराग बताते हैं कि उनसे सभी सवाल टेक्नीकल पूछे गए। कोई भी जनरल सवाल नहीं था।

मैं मानता हूं ये पिछले दस साल का सबसे टफ पेपर था। चिराग बाकी एस्पीरेंट्स के लिए बताते हैं कि पेपर किसी किताब से नहीं आता।सभी किताबें, सिलेबस पढ़ने चाहिए। मगर अपनी नॉलेज इतनी गहरी रखें कि जहां से भी सवाल पूछा जाए आपको पता हो।

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