राजस्थान के राजेंद्र बुरड़क ने DSP बनने के लिए 09 साल में छोड़ी 04 सरकारी नौकरी

राजस्थान के चूरू में बतौर DSP तैनात राजेंद्र बुरड़क की कहानी बेहद दिलचस्‍प है। उन्होंने 09 साल में 04 सरकारी नौकरियां छोड़कर DSP बनने का सपना साकार किया।DSP राजेंद्र बुरड़क की कहानी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए भी काफी प्रेरणादायी है।

DSP राजेंद्र बुरड़क कभी 3rd ग्रेड टीचर हुआ करते थे लेकिन उनका सपना RPS बनने का था। इसके लिए वह लगातार प्रयास करते रहे।RPS अफसर बनने के लिए उन्होंने 01-02 नहीं बल्कि 04 सरकारी नौकरियां छोड़ी हैं। वह चौथे प्रयास में आरपीएस बने हैं।

सीकर जिले के रामगढ शेखावाटी के सवाई लक्ष्मण पूरा गांव निवासी राजेंद्र बुरड़क 27 वर्ष की उम्र में 3rd ग्रेड टीचर बने।इसके बाद स्कूल लेक्चर परीक्षा पास कर लेक्चर बने। फिर राजस्थान पुलिस की सब इंस्पेक्टर(SI) परीक्षा में पास कर सब इंस्पेक्टर(SI) बने।

इसके बाद प्रधानाचार्य अध्यापक माध्यमिक शिक्षा परीक्षा में उत्तीर्ण हो प्रधानाचार्य बनने का गौरव हासिल किया। हालांकि उन्‍होंने सभी नौकरियों को आरपीएस अधिकारी बनने के लिए छोड़ दिया।DSP राजेंद्र बुरड़क ने बताया कि अब भी कही क्रिकेट मैच होता है तो देखने के लिए रुक जाते है।

राजेन्द्र कुमार बुरड़क : 10 साल में 5 बार सरकारी नौकरी, RAS में 3 बार हुए  फेल, फिर बने DSP | rajendra kumar burdak Sikar Journay teacher to Rajasthan  Police DSP - Hindi Oneindiaराजेंद्र बुरड़क: RPS अफसर बनने के लिए 9 साल में छोड़ीं चार सरकारी नौकरी,  क्रिकेट से था खास नाता - success story rajendra kumar burdak left four  government jobs for rajasthan police

नौकरी के कारण उन्हें खेलने का समय ही नहीं मिल पता है। लेकिन जब भी मौका मिलता है वो बैट लेकर मैदान में पहुंच जाते हैं।DSP राजेंद्र बुरड़क ने बताया कि उन्होंने तीन बार प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं पाई।

उन्होंने कभी भी असफलता को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। इसका परिणाम ये रहा कि चौथे प्रयास में वे सफल हो गए।उन्‍होंने युवाओं को संदेश दिया कि असफलता से कभी निराश नहीं होना चाहिए।ब​ल्कि कमियों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए। इससे नि​श्चित तौर पर सफलता हासिल की जा सकती है।

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