लगातार मिलने वाली असफलताओं के बावजूद भी नहीं मानी हार, फिर रुचि बिंदल ने ऐसे किया टॉप

कहते हैं कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। देर से ही सही लेकिन सच्ची मेहनत, लगन और दृढ़ निश्चय के साथ की हुई हर एक कोशिश रंग लाती ही है। जरूरत होती है तो बस मन को न हारने देने की और जिद पर अड़े रहने की। ऐसी ही एक ज़िद थी रुचि की जिन्होंने लगातार मिलने वाले असफलताओं के बावजूद भी हार नहीं मानी और आखिरकार अपना सपना साकार किया।

रुचि बिंदल मूल रूप से राजस्थान के नागौड़ जिले की रहने वाली हैं। उनके पिता एक व्यापारी हैं और उनकी माता एक गृहिणी हैं। रुचि ने स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से बैचलर्स की डिग्री प्राप्त की है। ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने साल 2016 में जामिया मिलिया इस्लामिया से पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की थी। रुचि के लिए यह सफर काफी मुश्किल भरा रहा है।

UPSC Successes Story Of IAS Topper Ruchi Bindal On Preparation Of Mains And  Pre | IAS Success Story: लगातार असफलता को इस तरह हराया और टॉपर बनीं रुचि  बिंदल, जानें टिप्स

वह एक या दो बार नहीं बल्कि चार बार यूपीएससी परीक्षा में असफल रहीं थीं लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने अपना हौसला कम नहीं होने दिया। वह पूरे लगन के साथ पढ़ाई में लगी हुई थी और नतीजा यह रहा कि उन्होंने अपने पांचवें प्रयास में 39वीं रैंक के साथ टॉप किया।

रुचि का मानना है कि प्रिलिमनरी परीक्षा में अधिक सवाल हल करने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि जो सवाल आपको अच्छे से आता है, उसे पहले अटेम्प्ट करें। आसान सवाल हल करने के बाद ही कठिन सवाल अटेम्प्ट करना चाहिए क्योंकि सीमित समय की वजह से कई बार हम आसान सवाल भी नहीं अटेम्प्ट कर पाते हैं। इसके अलावा मेन्स परीक्षा के लिए उम्मीदवारों को अपने संसाधन सीमित रखना चाहिए लेकिन उसका नियमित रूप से रिवीजन करना बेहद आवश्यक है।

4 बार असफलता भी रोक नही पाई और 5वी बार मे IAS बन गईं, रुचि बिंदल की कहानी  से प्रेरणा लेनी चाहिए: IAS Ruchi Bindal

जब एक बार आपकी तैयारी पूरी हो जाए तो इसके बाद मॉक टेस्ट ज़रूर दें। उनका कहना है कि उम्मीदवार जितना ज़्यादा लिखने का अभ्यास करेंगे उतना ही अधिक अंक प्राप्त करने की संभावना रहती है।

Leave a Comment