पारंपरिक वेशभूषा देख लोग समझे अनपढ़ लेकिन वो निकली आईपीएस, जुड़वां बच्चों की IPS मां की कहानी

राजस्थान के छोटे से गांव में जन्मीं सरोज कुमारी आज देश की जानी-मानी आईपीएस ऑफिसर हैं।लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब वह न सिर्फ छोटी-छोटी खुशियों बल्कि बेसिक सुविधाओं के लिए भी तरस रही थीं।

उस समय उन्होंने तो क्या उनके पूरे खानदान में भी किसी ने नहीं सोचा होगा कि एक दिन हर जगह उनका नाम होगा।इसमें कोई शक नहीं है कि जिसके सपनों में दम होता है उसे कैसे भी करके मंजिल मिल ही जाती है।

गुजरात के वडोदरा की डीसीपी सरोज कुमारी का बचपन बहुत कठिनाइयों से गुजरा है।सरकारी स्कूल से पढ़ाई करने से लेकर आईपीएस ऑफिसर बनने तक उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए बहुत मेहनत की है।

सरोज कुमारी का जन्म राजस्थान के झुंझुनूं जिले के चिड़ावा उपखंड के गांव बुडानिया में बनवारी लाल मेघवाल व सेवा देवी के घर पर हुआ था।बनवारी लाल आर्मी से रिटायर्ड हवलदार थे लेकिन उनकी पेंशन कम थी। घर चलाने में साथ देने के लिए सरोज परिवार के साथ खेती में हाथ बंटाती थीं।

सरोज ने 8वीं तक की पढ़ाई गांव के सरकारी स्कूल से की थी। आगे की पढ़ाई उनके गांव में मुमकिन नहीं थी।इसलिए उन्होंने पास के गांव अलीपुर के सरकारी स्कूल में एडमिशन ले लिया था। यह स्कूल उनके गांव से 6 किमी दूर था।

वहां तक जाने के लिए कोई साधन भी नहीं था। इसलिए सरोज रोजाना 6 किमी पैदल चलकर अपने स्कूल जाती थीं।सरोज की पढ़ाई-लिखाई में काफी रुचि थी। 12वीं टॉपर बनने के बाद उन्होंने जयपुर के महारानी कॉलेज में एडमिशन ले लिया।

वहां से पढ़ाई करके वह लेक्चरर बन गई थीं लेकिन अब उनकी रुचि सिविल सर्विसेस में हो गई थी।यूपीएससी परीक्षा में कुछ नंबर से चूक जाने की वजह से उन्हें गुजरात कैडर में आईपीएस की नियुक्ति मिली थी।

आईपीएस सरोज कुमारी ने 2019 में डॉ. मनीष सैनी से शादी की थी। दोनों के जुड़वां बच्चे हैं जिनमें एक बेटा और एक बेटी है।सोशल मीडिया पर सरोज की कुछ फोटोज़ वायरल हुई थीं जिनमें वह पारंपरिक वेशभूषा में नजर आ रही थीं। उनकी फोटोज़ देखकर किसी को यकीन ही नहीं हुआ था कि वह एक आईपीएस ऑफिसर हैं।

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