यह लड़का अपनी काबिलियत के दम पर INA में सेलेक्ट हुआ, तो बधाई देने लोगो का ताँता लग गया

देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। माता पिता गरीब हो चाहे अमीर वह हमेशा से चाहते हैं कि उनके बच्चों को दुनिया की हर अच्छे से अच्छी चीज दें। जिससे उनका भविष्य संवर जाए। अक्सर माता-पिता के मन में यह होता है कि जो उन्होंने झेला है, उनके बच्चे कभी ना झेले। गरीबी समाज का एक कटु सत्य है, जो हर गरीब व्यक्ति को झेलना ही पड़ता है। हर व्यक्ति के जीवन में विषम परिस्थितियां आती हैं, उन परिस्थितियों से लड़कर ही इंसान सफल बनता है।

देश में लाखों युवा ऐसे हैं जिनके अंदर प्रतिभा है, परंतु आर्थिक स्थितियों के चलते अपनी प्रतिभा को लोगों को दिखाने में असमर्थ हैं, परंतु यह जरूरी नहीं होता कि प्रतिभा अभाव में आकर छुप जाए उसे तो केवल एक मंच की जरूरत होती है जहां वह खुद को निखार सके। वैसे तो हर युवा के अंदर एक छुपी हुई प्रतिभा है, जो केबल एक मंच की मोहताज है। ऐसा ही कुछ मंच सत्यम उपाध्याय को मिला जब उन्हे भारतीय नौसेना मैं भारतीय नेवल एकेडमी (Indian Naval Academy) के लिए चुना गया। आइए जाने सत्यम की सफलता के बारे में विस्तार से।

कौन है सत्यम उपाध्याय जानकारी के अनुसार राज्य के अंतर्गत आने वाला बक्सर जिला के शुक्रवलिया गांव के एक रिटायर्ड शिक्षक रामानुजन के नाती सत्यम उपाध्याय शिक्षा के मामले में शुरू से ही काफी होनहार और गंभीर विद्यार्थी रहे हैं।सत्यम के अंदर कूट-कूट कर प्रतिभाएं भरी हुई है और उन्होंने अपनी प्रतिभा से बिहार के बक्सर का नाम गर्व से ऊंचा कर दिया।

Indian Navy File Free Photo. भारतीय नौसेना (Indian Navy) के इंडियन नेवल एकेडमी के लिए चुने गए सत्यम उपाध्याय (Satyam Upadhyaya) का परिवार खुशी से झूम रहा है। सत्यम को परिवार के साथ साथ पूरे राज्य से शुभकामनाएं मिल रही हैं। सत्यम भी अपनी सफलता से बेहद खुश है, क्योंकि उसने अपने माता-पिता का नाम ऊंचा कर दिया है, जिसकी खुशी उसे बहुत ज्यादा है। सहज भाव से कठिन रास्ते को भी किया पार बताया जा रहा है कि सत्यम ने नेवी 10+2 बीटेक के लिए एंट्री परीक्षा को पास कर लिया है।

Fichier:Indian Navy ships.jpg — Wikipédia

इस परीक्षा का इंटरव्यू बेहद कठिन माना जाता है, परंतु उन्होंने स्कर्ट इंटरव्यू को भी सरलता से पास कर लिया है। सत्यम की यह सफलता पहले ही प्रयास में कामयाब हुई। जानकारी के अनुसार इस एंट्री परीक्षा में केवल 35 पद ही होते हैं, जिसमें से एक पद सत्यम उपाध्याय ने अपने नाम कर लिया है। यह सफलता सत्यम की मेहनत और समर्पण की है, जिसने आज उन्हें इस मुकाम को हासिल करने में मदद की है। बताया जा रहा है कि सत्यम बचपन से ही काफी होनहार है उन्होंने अपने स्कूल के दिनों से ही खुद को शिक्षा की तरफ मोड़ लिया था वह अपनी राह से कभी भटके नहीं और लगातार मेहनत करते रहे।

4 साल में शिक्षा और ट्रेनिंग के बाद मिलेगा अधिकारी का पद सत्यम ने अपने इंटरव्यू के दौरान बताया कि उन्हें 4 साल का सफर और तय करना है। आई एन ए की तरफ से 4 साल की शिक्षा और ट्रेनिंग दी जाएगी उसके बाद ही पर नेवी के अधिकारी कहलाएंगे। 4 साल की शिक्षा पूरी कर उन्हें भारतीय नौसेना अधिकारी की पहली पोस्ट याने लेफ्टिनेंट का पद प्राप्त होगा। सत्यम ने 5 फरवरी 2023 से ही इस एकेडमी को ज्वाइन कर लिया है और वह बड़ी ही मेहनत से और अपनी सूझबूझ से इस ट्रेनिंग को कर रहे हैं, साथ ही शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

यह ट्रेनिंग उनके जीवन की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है यह उनका सपना है, जो उन्होंने वर्षों पहले देखा था। सत्यम के पिता यतीन्द्र उपाध्याय ने कहीं यह बातें पिता यतींद्र ने अपने बेटे की तारीफ करते हुए कहा कि उनका बेटा बचपन से ही इस देश के लिए कुछ करना चाहता था। वह चाहता था कि उसका जीवन देश की सेवा में बीते और उसने अपना सपना पूरा किया। आदमी भी बताते हैं कि सत्यम बचपन से ही होनहार छात्र रहा है, उसने वर्ष 2020 में कक्षा दसवीं की परीक्षा सीबीएसई से 90 प्रतिशत अंक से पास की।

उसके बाद वर्ष 2022 में 12वीं की परीक्षा सीबीएसई से 91.47 प्रतिशत अंक प्राप्त करके पास की। 12वीं में उनका पूरे स्कूल में प्रथम स्थान आया था। सत्यम का कहना है कि आज भी जो कुछ भी है उनकी दादाजी की वजह से है, उनके दादाजी ने उन्हें इस सफलता को प्राप्त करने के लिए मोटिवेट किया है। सत्यम का आज की युवा पीढ़ी के लिए संदेश है कि वह लक्ष्य बनाकर आगे बढ़े सफलता उन्हें अवश्य मिलेगी।

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