अक्सर लोग अपने काम को कल पर छोड़ देते हैं। कुछ लोग तो ऐसे भी होते हैं जो कहते हैं समय आने पर तैयारी शुरू करेंगे या फिर लोग सोचते हैं अभी तो काफी समय है किसी भी काम के लिए। परंतु यदि हम समय के पहले ही अपनी अच्छी तैयारी कर ले तो हमारा काम समय की रास्ता देखने से और बेहतर होता है। अक्सर स्टूडेंट सोचते हैं कि अभी वह अपनी स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं, उसके बाद वह कंपटीशन की तैयारी करेंगे जब कंपटीशन की तैयारी करते हैं, तो उनके दिमाग में एक ही बात आती है कि काश हम पहले कंपटीशन की तैयारी कर लिए होते तो आज इतना समय नहीं लग रहा होता।
कहने का मतलब है कि समय से किया हुआ काम और समय के पूर्व किया हुआ काम में काफी फर्क होता है। यदि एक बार समय निकल जाता है, तो इंसान के पास केवल पश्चाताप ही रह जाता है। यदि व्यक्ति प्रारंभ से ही अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ संकल्पित होता है तो समय आने पर वह अपने लक्ष्य को और बेहतर पाता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की मुस्कान जिंदल ने। मुस्कान जिंदल ने 22 वर्ष की उम्र में यूपीएससी की परीक्षा पास करके आईएसएस पद के लिए चुनी गई हैं। आइए जाने मुस्कान जिंदल की सक्सेस की कहानी (Muskan Jindal UPSC Success Story) के बारे में।
कौन है मुस्कान जिंदल मुस्कान जिंदल हिमाचल प्रदेश के अंतर्गत आने वाला सोलन जिले के निवासी हैं। मुस्कान के पिता पवन जिंदल एक बिजनेसमैन और उनकी माता ज्योति जिंदल एक ग्रहणी है। मुस्कान दो बहने हैं और दोनों ही बहन पढ़ाई में काफी होनहार है। मुस्कान की प्रारंभिक शिक्षा उनके होमटाउन के पास के एक स्कूल से ही हुई। उन्होंने कक्षा 12वीं में 96.5 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे और पूरे स्कूल में प्रथम स्थान प्राप्त किया। मुस्कान काफी होशियार विद्यार्थी रहे हैं। उन्होंने अपने ग्रेजुएशन के साथ सिविल सेवा की पढ़ाई के लिए भी वक्त निकाला। जिसके चलते आज वे 22 साल की उम्र में एक अधिकारी बन गई हैं। ग्रेजुएशन के साथ की सिविल सेवा की तैयारी
मुस्कान जिंदल कक्षा बारहवीं के बाद उच्च शिक्षा के लिए चंडीगढ़ आ गई और उन्होंने चंडीगढ़ के एसडी कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स के लिए दाखिला ले लिया। यूपीएससी पास करना उनके जीवन का बहुत बड़ा सपना था जिसके लिए वे हमेशा गंभीर रहती थी। IFS Officer Muskan Jindal file photo from her Instagram. उन्होंने अपने ग्रेजुएशन की शिक्षा के दौरान ही यूपीएससी (UPSC Exam) की तैयारी करना प्रारंभ कर दिया जब फाइनल ईयर में थी, तभी से उन्होंने समय बचा बचा कर यूपीएससी की पढ़ाई शुरू कर दी थी। ग्रेजुएशन के दौरान उन्होंने यूपीएससी के सिलेबस में अपनी मजबूत पकड़ बना ली और परीक्षा के लिए कुशल होते ही उन्होंने इस परीक्षा को दिया और सफल हुई। ग्रेजुएशन के पश्चात 1 वर्ष का विश्राम लिया मुस्कान (IFS Officer Muskan Jindal) बताती है कि उन्होंने ग्रेजुएशन के बाद यूपीएससी का एग्जाम इसलिए नहीं दिया क्योंकि वह अंडरेज थी। यदि उस समय वे क्वालीफाई हो भी जाती तो उन्हें पोस्टिंग नहीं मिलती इसीलिए उन्होंने 1 वर्ष का विश्राम लेना उचित समझा। उस 1 वर्ष के दौरान उन्होंने और अच्छी तरह पढ़ाई की।
उन्होंने टाइम टेबल और सिलेबस को आवंटित करके अपनी पढ़ाई प्रारंभ की। उनका केवल एक ही लक्ष्य था वह था यूपीएससी पास करना। मुस्कान ने 1 वर्ष में पूरा सिलेबस पढ़कर उसका रिवीजन भी कर लिया था इसी के साथ उनकी परीक्षा नजदीक थी। पूरे आत्मविश्वास के साथ उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी और परिणाम का इंतजार किया। पेपर पढ़ने की शौकीन मुस्कान मुस्कान की मेहनत वर्ष 2019 में सफल हुई जब उन्होंने 87वी रैंक हासिल की और आईएफएस के लिए चुनी गई। मुस्कान समाचार पत्र को शुरू से ही बारीकी से पढ़ती आई है। वे अपनी तैयारी के दौरान भी समाचार पत्र को काफी बारीकी से पढ़ती थी और आज भी वह न्यूज़पेपर को अच्छी तरह ही पड़ती है।