अगर आपने यह पूछा जाये की देश में सबसे अच्छी नौकरी कौनसी है, तो अधिकतर लोग सरकारी नौकरी की बात करेंगे और उनके में IAS-IPS के पद की नौकरी को सबसे बेहतर बताएँगे। वैसे ऐसे अधिकारी भी किसी राजा से कम नहीं होते। कुछ लोग तो IAS-IPS अधिकारी बनने के लिए बड़ी बड़ी कुर्वानी भी दे दिया करते हैं।
ऐसे ही एक IPS अफसर संतोष मिश्रा (Santosh Mishra) हैं, जो अमेरिका में लाखों रुपए का पैकेज छोड़कर सिविल सेवा परीक्षा में शामिल हुए और एग्जाम क्रैक करके अफसर बने। आज बहुत से लोग आईपीएस संतोष मिश्रा के बारे में जानना चाहते हैं। बिहार के पटना जिले के संतोष मिश्रा के पिता भारतीय सेना में एक सिपाही थे, अब नौकरी से रिटायर हो चुके हैं।
संतोष (IPS Santosh Mishra) के पिता ने उनमें बचपन से ही देशभक्ति की ज्वाला पैदा कर दी दी। बड़े होते होते संतोष एक पक्के देशभक्त बन चुके थे। स्कूल में वे पढ़ने में वे होशियार थे। 12वीं पास करने के बाद संतोष ने पुणे यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में दाखिला ले लिया। यहाँ से अपनी इंजीनियरिंग की पढाई पूरी करने के बाद एक यूरोपियन कंपनी में उनकी नौकरी लग गई। संतोष ने यूरोप में 4 साल काम किया, जिसके बाद वह अमेरिका (America) चले गए और वहीँ काम करके लगे।
संतोष मिश्रा ने लगभग 7 साल तक अमेरिका के न्यूयॉर्क (New York) शहर में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में जॉब की, जहां उनकी सैलरी लगभग 50 लाख थी। लेकिन संतोष नौकरी आगे नहीं बढ़ाना चाह रहे थे। ऐसे में उन्होंने अमेरिका में नौकरी छोड़ दी और भारत वापस आ गए। संतोष यह जानते थे की वे एक काबिल स्टूडेंट हैं। उन्हें अब देश सेवा में जाना है। इसके लिए बड़ी परीक्षा पास करना है, जो वे कर सकते हैं।भारत लौटने के बाद संतोष ने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की और 2012 में यूपीएससी की परीक्षा क्रैक कर ली।
संतोष मिश्रा ने अपने पहले ही प्रयास में देश की सबसे कठिन परीक्षा UPSC पास करने में कामयाब हुए। उन्होंने आईपीएस अधिकारी का पद चुना। संतोष मिश्रा अभी के समय में उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में SP के पद पर सेवा दे रहे हैं।संतोष मिश्रा कई बार लोगो की मदत भी करते देखे गए हैं। संतोष मिश्रा को अपनी ड्यूटी से खाली समय मिलता है, तो वह बच्चों को पढ़ाने के लिए जिले के सरकारी स्कूल चले जाते हैं। वे बहुत ही आसान और अनोखे तरीके से बच्चों को पढ़ाते हैं, जिससे बच्चे कठिन सवालों को भी सॉल्व कर पाते हैं। वे छोटे बच्चो को गिफ्ट भी बांटते हैं।
संतोष मिश्रा पिछले कई सालों से अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। लेकिन पीते दिनों ट्विटर पर उनकी चर्चा होने लगी थी। हुआ यह था की टोक्यो ओलंपिक में कुश्ती में कांस्य पदक विजेता बजरंग पुनिया ने संतोष मिश्रा की दो फोटो पोस्ट की थी, जिसमें एक वे बच्चों को पढ़ा रहे हैं और दूसरी जिसमें बजरंग पुनिया उनके साथ खड़े नज़र आये।बजरंग पुनिया ने ट्वीट में लिखा था की यह आईपीएस अधिकारी संतोष मिश्रा हैं, जो गरीब और जरूरतमंद बच्चों की मदद करने के लिए अपने कर्तव्य से समय निकालते हैं। उन्होंने देश के लिए काम करने में सक्षम होने के लिए 5 मिलियन के वेतन के साथ न्यूयॉर्क में अपनी नौकरी छोड़ दी।
आईपीएस अधिकारी संतोष मिश्रा ने अपनी पढाई और लगन के बल पर सब पाया और अपनी योग्यता को ऐसे ही नहीं जाने दिया। देश सेवा के लिए उन्होंने सिविल सेवा का रास्ता चुना और बड़ी ही ईमानदारी ने अपने कर्तव्यों को निभा रहे हैं। यह एक प्रेरणास्त्रोत हैं। जिनसे सभी स्टूडेंट्स और अभ्यर्थियों को प्रेरणा लेना चाहिए।