राजस्थान के अजमेर जिले के भविष्य देसाई ने UPSC में 29वां रैंक प्राप्त किया है।भविष्य ने स्टॉक मार्केटिंग कंपनी के 55 लाख का पैकेज ठुकरा कर सिविल सर्विसेज में जाना बेहतर समझा।
इसके बाद 2 साल अपने आप को घर के एक कमरे में बंद रखा। वहीं पढ़ते और खाते पीते। मोबाइल को भी हाथ नहीं लगाया।पहली बार में ही एग्जाम क्लियर कर लिया। अब इंडियन फोरेन सर्विस में जाना उनकी पहली प्राथमिकता है।
अजमेर के कायड़ रोड मोहिनी विहार निवासी भविष्य देसाई ने UPSC एग्जाम पहली बार में क्लियर कर 29वां रैंक हासिल की है।भविष्य ने बताया कि उनकी पढ़ाई अजमेर के सेंट एन्सलम स्कूल से हुई। यहां से उन्होंने 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की।
उसके बाद कोटा के शिव ज्योति स्कूल से 11वीं व 12वीं कक्षा पास की। 2016 से 2020 में भविष्य देसाई ने कानपुर आईआईटी से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया।वर्ष 2020 के जुलाई में गुड़गांव की QUADEYI स्टॉक मार्केटिंग कंपनी में इंटरशिप की गई। कंपनी की ओर से उन्हें 55 लाख का पैकेज दिया गया। लेकिन भविष्य ने पैकेज को ठुकरा दिया।
भविष्य ने बताया कि वह मूल रूप से अजमेर के रहने वाले हैं। उनके पिता गोपाराम देसाई एमडीएस यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट के पद पर कार्यरत हैं।उन्होंने बताया कि पढ़ाई को लेकर उनके पिता और मां का काफी सपोर्ट उन्हें मिलता है। जिसके कारण ही उन्होंने कई कंपटीशन एग्जाम क्लियर किए है।भविष्य देसाई के पिता ने बताया कि उनके बेटे भविष्य ने यूपीएससी की पढ़ाई के लिए दिन रात एक कर दी।
उन्होंने बताया कि भविष्य रात-रात भर पढ़ाई करता रहता था। उसे रेस्ट करने के लिए भी कहना पड़ता था।पिता गोपाराम ने बताया कि गुड़गांव दिल्ली की स्टॉक मार्केटिंग कंपनी का 55 लाख का पैकेज ठुकरा कर सिविल सर्विसेज को चुना।
भविष्य देसाई की मां ललिता देसाई ने बताया कि उनके बेटे भविष्य कि मेहनत और हार्ड वर्किंग के कारण ही आज उसने यूपीएससी का एग्जाम क्लियर किया है।भविष्य को सामने जो एम दिखाई देता है तो वह उसे अचीव करने में लग जाता है। उन्होंने कहा कि वह बचपन से ही इंटेलिजेंट है और वह भी अपने बेटे को मोटिवेट करती रहती है।