लालटेन की रोशनी में पढ़कर ट्रक ड्राइवर का बेटा बना IAS, पहले हो चुका है RAS में चयन

मन में कुछ करने का जज्बा हो और खुद पर विश्वास हो तू मुश्किल से मुश्किल हालातो में आप सफलता के शिखर पर पहुंच जाते हैं।इसी बात को सच साबित कर दिखाया है राजस्थान के नागौर के एक ट्रक ड्राइवर के बेटे पवन कुमार कुमावत ने।

कुमार ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से देश की सबसे कठिन यूपीएससी परीक्षा पास की है।कुमावत मूलतः नागौर जिले के सोमणा (जायल) निवासी है और उनके पिता ट्रक चालक है।

आम तौर पर ट्रक चालक की लाइफ काफी संघर्ष पूर्ण होती है। वो अपना अधिकांश समय परिवार से दूर रहकर गुजारता है।

लेकिन यही संघर्ष उन्हें कुछ कर दिखाने का हौसला देता है। सफलता का झंडा फहराने वाले होनहार पवन कुमार कुमावत का यूपीएससी एग्जाम में सेलेक्शन हुआ है।उन्होंने बताया कि वर्ष 2006 में गोविंद जैसवाल का चयन हुआ था, जिनके पिता जी रिक्शा चालक थे, इसलिए मैंने ठान लिया था कि आईएएस बनना है।

पवन की पढाई लिखाई शहर के पब्लिक स्कूल से शुरू हुई है। पिता रामेश्वरलाल ने अपने बेटे को पढ़ाने के लिए गांव छोड़ नागौर में आकर रहने लगे।यही से पवन ने अपनी आगे की पढाई पूरी की हालाँकि बाद वो आगे की पढाई के लिए जयपुर भी गए।

पवन कुमार ने बताया कि उसके घर में बिजली नहीं होने पर लालटेन व चिमनी के माध्यम से उसने पढ़ाई जारी रखा।पवन ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार को दिया है। पवन ने बताया कि बचपन में दादी उसे धार्मिक कहानियों सुनाती थीं।ध्रुव तारे की कहानी सुनाने पर जीवन में कुछ करने की जिज्ञासा उत्पन्न हुई। दादी ने उसे कड़ी मेहनत का मूल मंत्र दिया तभी से उसने जीवन में सफल होने का मन बना लिया था।

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